‘व्याकरण एक नीरस विषय है’ सदियों से चली आ रही इस पुरानी कहावत को झुठलाती ‘सचित्र हिंदी व्याकरण’ पुस्तकमाला अपने-आप में एक अनूठी पुस्तकमाला है। इसे तैयार करते समय बच्चों की बौद्धिक क्षमता तथा भाषा स्तर को ध्यान में रखा गया है। भाषा सरल, सहज तथा प्रवाहमयी है। नैतिक तथा मानवीय मूल्यों को सहज ढंग से बच्चों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। समस्त व्याकरणिक तत्व पुस्तक पुस्तकमाला में समाहित किए गए हैं। पुस्तक के आकर्षक चित्र तथा मनभावन पृष्ठ शब्दों से अधिक कह जाते हैं।